Customer Protection Policy


Liability of Customers in Unauthorized Electronic Payment Transactions

Introduction

Digi Khata is committed to provide safe and secure customer service experience to all its customers. Acknowledging the importance of financial inclusion & customer protection, the Reserve Bank of India had issued a circular on Customer Protection – Limiting Liability of Customers in Unauthorized Electronic Payment Transactions. (RBI/2018-19/101 DPSS.CO.PD.No.1417/02.14.006/2018-19 dated January 04, 2019) which requires all PPIs to formulate a Board approved policy in regard to customer protection and compensation in case of unauthorized electronic banking transactions.

Objective

This policy seeks to communicate in a fair and transparent manner, the stand of Digi Khata on:

  • Customer protection (including mechanism of creating customer awareness on the risks and responsibilities involved in electronic banking transactions)
  • Customer liability in cases of unauthorized electronic banking transactions
  • Customer compensation due to unauthorized electronic banking transactions (within defined timelines)

Customer Liability and Risks

The risks and liabilities involved as per the matrix given in the Customer Protection Policy (appended below):

Customer Liability in case of Unauthorized Electronic Payment Transactions through Digi Khata Wallet

S. No Particulars Maximum Liability of Customer
(a) Contributory fraud / negligence / deficiency on the part of the PPI issuer, including PPI-MTS issuer (irrespective of whether or not the transaction is reported by the customer) Zero
(b) Third party breach where the deficiency lies neither with the PPI issuer nor with the customer but lies elsewhere in the system, and the customer notifies the PPI issuer regarding the unauthorized payment transaction. The per transaction customer liability in such cases will depend on the number of days lapsed between the receipt of transaction communication by the customer from the PPI issuer and the reporting of unauthorized transaction by the customer to the PPI issuer -
i.  Within three days# Zero
ii.  Within four to seven days# Transaction value or Rs.10,000/- per transaction, whichever is lower
iii.  Beyond seven days# Full liability of the customer
(c) In cases where the loss is due to negligence by a customer, such as where he / she has shared the payment credentials, the customer will bear the entire loss until he / she reports the unauthorized transaction to the PPI issuer. Any loss occurring after the reporting of the unauthorized transaction shall be borne by the PPI issuer.
(d) PPI issuers may also, at their discretion, decide to waive off any customer liability in case of unauthorized electronic payment transactions even in cases of customer negligence.

Fraud Reporting – Direct 24x7 mechanism

  • Customers can raise complaint on any transaction which is unauthorized/fraudulent in nature on the Website and on Digi Khata Mobile App – 24x7.
  • Website and Mobile App: Menu->Write to Us->Select Category->Report
  • Unauthorized Transaction->Enter details-> Click Proceed
  • Any unauthorized electronic banking transaction reported after 7 working days will be treated as 100% customer liability.

ग्राहक सुरक्षा नीति


अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेन में ग्राहकों की जिम्मेदारी

परिचय

डिजी खाता अपने सभी ग्राहकों को सुरक्षित और भरोसेमंद सेवा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्तीय समावेशन और ग्राहक सुरक्षा के महत्व को स्वीकार करते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक ने "ग्राहक सुरक्षा – अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेन में ग्राहकों की सीमा-निर्धारित जिम्मेदारी" पर एक परिपत्र जारी किया था (RBI/2018-19/101 DPSS.CO.PD.No.1417/02.14.006/2018-19 दिनांक 04 जनवरी 2019)। यह सभी प्रीपेड भुगतान उपकरण (PPI) प्रदाताओं को निर्देशित करता है कि वे ग्राहकों की सुरक्षा और अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन की स्थिति में मुआवजे से संबंधित एक बोर्ड-स्वीकृत नीति तैयार करें।

उद्देश्य

यह नीति निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से डिजी खाता का रुख स्पष्ट करती है:

  • ग्राहक सुरक्षा (जिसमें इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में जोखिमों और जिम्मेदारियों को लेकर ग्राहक को जागरूक करने की प्रक्रिया शामिल है)
  • अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन की स्थिति में ग्राहक की जिम्मेदारी
  • अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन के कारण ग्राहकों को मुआवजा (निर्धारित समयसीमा के भीतर)

ग्राहक की जिम्मेदारी और जोखिम

इस नीति में परिभाषित मैट्रिक्स के अनुसार, डिजी खाता वॉलेट के माध्यम से होने वाले अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेन में ग्राहक की जिम्मेदारी और जोखिम नीचे दी गई ग्राहक सुरक्षा नीति में वर्णित हैं:

डिजी खाता वॉलेट के माध्यम से अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेन के मामलों में ग्राहक की जिम्मेदारी

क्रम संख्या विवरण ग्राहक की अधिकतम जिम्मेदारी
(a) पीपीआई जारीकर्ता (या पीपीआई-एमटीएस जारीकर्ता) की ओर से योगदानात्मक धोखाधड़ी / लापरवाही / कमी (चाहे ग्राहक ने लेन-देन की रिपोर्ट की हो या नहीं) शून्य
(b) तृतीय पक्ष की ओर से उल्लंघन, जिसमें न तो पीपीआई जारीकर्ता की और न ही ग्राहक की कोई गलती हो, लेकिन प्रणाली के किसी अन्य भाग में कमी हो, और ग्राहक अनधिकृत भुगतान लेनदेन की सूचना पीपीआई जारीकर्ता को देता है। ऐसी स्थिति में ग्राहक की प्रति लेन-देन जिम्मेदारी इस बात पर निर्भर करेगी कि ग्राहक को पीपीआई
जारीकर्ता से लेन-देन की सूचना प्राप्त होने और ग्राहक द्वारा अनधिकृत लेन-देन की रिपोर्टिंग के बीच कितने दिन बीते:
(i) तीन (03) दिनों के भीतर शून्य
(ii) चार (04) से सात (07) दिनों के भीतर लेन-देन की राशि या ₹10,000/- प्रति लेन-देन, जो भी कम हो
(iii) सात (07) दिनों के बाद ग्राहक की पूर्ण जिम्मेदारी
(c) ऐसे मामलों में जहाँ हानि ग्राहक की लापरवाही के कारण हुई हो (जैसे कि उसने भुगतान की जानकारी साझा की हो), तो ग्राहक को उस हानि का पूरा भार वहन करना होगा जब तक कि वह अनधिकृत लेन-देन की सूचना पीपीआई जारीकर्ता को नहीं देता। सूचना देने के बाद होने वाली हानि की जिम्मेदारी पीपीआई जारीकर्ता की होगी।
(d) पीपीआई जारीकर्ता अपनी विवेकानुसार ग्राहक की जिम्मेदारी को माफ भी कर सकते हैं, भले ही ग्राहक की ओर से लापरवाही हुई हो।

धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग – सीधी 24x7 व्यवस्था

  • ग्राहक किसी भी अनधिकृत/धोखाधड़ीपूर्ण लेन-देन की शिकायत वेबसाइट और डिजी खाता मोबाइल ऐप पर 24x7 दर्ज कर सकते हैं।
  • वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर प्रक्रिया: Menu → Write to Us → Select Category → Report
  • Unauthorized Transaction → विवरण दर्ज करें → Proceed पर क्लिक करें
  • यदि कोई अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेन-देन 7 कार्यदिवसों के बाद रिपोर्ट किया जाता है, तो उसे 100% ग्राहक की जिम्मेदारी माना जाएगा।

ग्राहक संरक्षण धोरण


अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट व्यवहारांमध्ये ग्राहकांची जबाबदारी

परिचय

डिजी खाता सर्व ग्राहकांना सुरक्षित आणि विश्वासार्ह सेवा अनुभव देण्यास वचनबद्ध आहे. आर्थिक समावेश आणि ग्राहक संरक्षणाचे महत्त्व ओळखून, भारतीय रिझर्व्ह बँकेने “ग्राहक संरक्षण – अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट व्यवहारांमध्ये ग्राहकांची मर्यादित जबाबदारी” या विषयावर एक परिपत्रक जारी केले आहे (RBI/2018-19/101 DPSS.CO.PD.No.1417/02.14.006/2018-19, दिनांक 04 जानेवारी 2019). या परिपत्रकानुसार, सर्व PPI (Prepaid Payment Instruments) प्रदात्यांना अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक व्यवहार झाल्यास ग्राहकांचे संरक्षण आणि भरपाई याबाबत बोर्ड मान्यताप्राप्त धोरण तयार करणे आवश्यक आहे.

उद्दिष्ट

या धोरणाचा उद्देश डिजी खाताची भूमिका स्पष्ट आणि पारदर्शकपणे मांडणे आहे, जे पुढील मुद्द्यांवर आधारित आहे:

  • ग्राहक संरक्षण (इलेक्ट्रॉनिक बँकिंग व्यवहारांशी संबंधित धोके आणि जबाबदाऱ्या याबाबत ग्राहकांमध्ये जागरूकता निर्माण करण्याची यंत्रणा समाविष्ट आहे)
  • अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बँकिंग व्यवहारांमध्ये ग्राहकांची जबाबदारी
  • अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बँकिंग व्यवहारांमुळे ग्राहकांना मिळणारी भरपाई (निर्धारित वेळेच्या आत)

ग्राहकांची जबाबदारी आणि जोखीम

या धोरणात खालील स्वरूपाच्या जोखीम आणि जबाबदाऱ्या स्पष्ट करण्यात आल्या आहेत (सविस्तर माहिती पुढील तक्त्यात दिली जाईल).

डिजी खाता वॉलेटद्वारे अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट व्यवहारांमध्ये ग्राहकाची जबाबदारी

अनु. क्र. तपशील ग्राहकाची कमाल जबाबदारी
(a) जर PPI प्रदाता (PPI-MTS प्रदात्यासह) यांच्याकडून फसवणूक, दुर्लक्ष किंवा त्रुटी झाली असेल (ग्राहकाने व्यवहार नोंदवला किंवा नाही याची पर्वा न करता) शून्य
(b) तृतीय पक्षांकडून सुरक्षेतील त्रुटी, जेथे दोष PPI प्रदाता किंवा ग्राहक यांच्याकडे नसून प्रणालीतील इतरत्र आहे आणि ग्राहकाने अनधिकृत व्यवहाराची माहिती PPI प्रदात्याला दिली आहे, अशा प्रकरणात ग्राहकाची जबाबदारी खालीलप्रमाणे ठरवली जाईल:
i. तीन दिवसांच्या आत नोंदवले शून्य
ii. चार ते सात दिवसांच्या आत नोंदवले व्यवहाराची रक्कम किंवा ₹10,000/- प्रति व्यवहार, यापैकी जे कमी असेल
iii. सात दिवसांनंतर नोंदवले संपूर्ण जबाबदारी ग्राहकाची
(c) जर ग्राहकाच्या दुर्लक्षामुळे नुकसान झाले (उदा. पेमेंट क्रेडेन्शियल्स शेअर केल्यास), तर अनधिकृत व्यवहार नोंदवण्यापर्यंत संपूर्ण नुकसान ग्राहकाला सहन करावे लागेल. नोंद केल्यानंतरचे नुकसान PPI प्रदात्याने सहन करावे लागेल.
(d) ग्राहकाच्या दुर्लक्षामुळे झालेले नुकसान असले तरीही, काही प्रकरणांमध्ये PPI प्रदाता आपल्या निर्णयानुसार ग्राहकाची जबाबदारी माफ करू शकतो.

फसवणूक अहवाल – थेट २४x७ यंत्रणा

  • ग्राहक कोणत्याही अनधिकृत/फसवणुकीच्या स्वरूपातील व्यवहारासंदर्भात तक्रार वेबसाइटवर किंवा डिजी खाता मोबाईल अ‍ॅपवर २४x७ नोंदवू शकतात.
  • वेवेबसाइट आणि मोबाईल अ‍ॅप:मेन्यू -> आम्हाला लिहा (Write to Us) -> विभाग निवडा (Select Category) -> अहवाल द्या (Report)
  • अनधिकृत व्यवहार:तपशील भरा -> पुढे जा (Click Proceed)
  • जर अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बँकिंग व्यवहार ७ कार्यदिवसांनंतर नोंदवला गेला, तर त्याची पूर्ण जबाबदारी ग्राहकाची असेल.